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इन्द्रीजीत बाबा बाबा
इन्द्रीजीत बाबा बाबा लगभग दो साल पहले मेरे गाँव में आये थे .उनके साथ दो चेले भी थे.जिनका नाम गोपाल और किशन था.दोनों की उम्र करीब २५ ,२७ की थी.बाबा ने अपना आश्रम गाँव से कुछ दूर एक पहाड़ी की गुफाओं में बना बनाया था। बीच में एक छोटी सी नदी थी .जिस में बहुत कम पानी रहता था.लोग आसानी से नदी पार करके बाबाजी के पास चले जाते थे.बाबा रोज सवेरे चार बजे एक घंटे योग करता था.और सवेरे शाम आठ बजे पूजा आरती करता था.बाबा के दोनों चेले गाँवसेबाबा के लिए खाने पीने का सामान माग लेजाते थे.चेले गाँव वालों से कहते थे की बाबा ने योग से बड़ी बड़ी सिध्धियाँ हासिल की हैं। .लेकिन बाबा में कुछ और ख़ास बातें भी थीं.एक तो बाबा का लंड बहुत बड़ा था। लगभग १२ इंच लंबा और मोटा.बाबा जितनी देर चाहे अपने लंड को खडा कर सकता था.बाबा अपने लंड को महालिंग कहता था .और उसके चेले उस लंड को जीवित शिवलिंग बताते थे और उसकी पूजा करवाते थे.धीमे धीमे बाबा ने अपनी गुफा में चार बड़े बड़े पक्के कमरे बनवा लिए थे.एक कमरे में बैठ कर लोगोंकी समस्याएं सुनता था।बाबा रोज सवेरे शाम आठ बजे एक अजीब सा योग करता था.बाबा के चेले उसके सामने एक बर्तन में करीबआधाकिलो दूध रख देते थे। बाबा अपना लंड उस बर्तन में डाल देता था, और अपने लंड से सा दूध अन्दर खींच लेता था.बाद में दस मिनट के बाद सारा दूध लंड से बर्तन में वापिस निकाल देता था.फिर वही दूध भक्तों में प्रसाद के रूप में बाँट दिया जाता था.चेले उस दूध को लिंगामृत कहते थे.और लोग उसे बड़ी श्रध्धा से पी लेते थे.बाबा के लंड में बड़ी ताकत थी वह अपने लंड से भारी भारी चीजें उठा लेता था,शिवरात्री के दिन वह अपने लंड से एक कार को दूर तक खींच लेजाता था.वह यह चमत्कार सार्वजनिक रूप से करता था.इसलिए आसपास के गाँव वाले उस लंड की पूजा करतेथे.औरतें उस लंड पर तिलक लगाती थीं.लेकिन डरती भी थीं .की अगर ऐसा लंड किसी की चूत में डाला जाएगा तो वह औरत लंड से जरूर मर जायेगी।लोग यह भी कहते थे की बाबा से भूत प्रेत भी डरते हैं और वह हर बीमारी का इलाज का सकता है.बाबा ने ऐसे कई लोगों को ठीक किया था ,जिन्हें डाक्टर भी ठीक नहीं कर पाए थे।ऎसी एक औरत गोमती थी.शादी के तीन साल होने के बाद भी उसे क्कोई औलाद नहीं हुयी थी.उसने सब जगह जांच करवायी लेकिन उसे कोई औलाद नहीं हुई। आखिर वह बाबा के पास गयी। बाबा ने उसकी जाँच की और कहा की गोमती तेरी कोख में एक बुरी आत्मा का वास है। जिसे निकालना बहुत जरूरी है। तभी तुझे औलाद होगी.लेकिन इसके लिए तुझे बिना किसी को बताये मेर आश्रम में चार दिन के लिए रहना पडेगा। मैं एक ख़ास तरह का अनुष्ठान करूंगा। जिसमे मेरे चेलों के अलावा और कोई नहीं हिगा.टू यह बात अपने पति को भी नहीं बताना.अगर बता देगी तो तो सब कुछ बेकार हो जाएगा। गोमती तैयार हो गयी। बाबा ने गोमती को अमास्या की रात को आने के लिए कहा। बाबा ने कहा की आने से पहले आआपना पूरा शरीर ठीक से साफ़ कर लेना.सिर्फ सीए के बालों को छोड़ कर सारे बाल साफ़ कर लेना.चूत और गांड में एक भी बाल नहीं होना चाहिए.चूत और गांड के बाल देख कर महालिंग नाराज हो जायेंगे और औलाद का वरदान नहीं देंगे।गोमती निर्धारित दिन और समय पर आश्रम में पहुँच गयी.चेलों ने गोमती से पहले पेशाब करने को कहा.और उसे बात रूम में ले गए फिर गोमती की गांड में एनिमा लगा कर उसकी गांड अन्दर से अच्छी तारह से साफ़ करा दी.फिर एकख़ास तरह का तेल गोमती चूत और गांड में उंगली से अन्दर तक लगा दिया.गोमती को मजा सा आ रहा था.फिर चेलों ने गोमती के बदन पर खुशबू लगा कर बाबा के तहखाने वाले कमरे में भेज दिया.बाबा ने कहा आओ गोमती लिंगामृत का पान करो.यह कहते हुए बाबा ने अपना लंड बाहर निकाल दिया,उस विशाल लंड को देख कर गोमती काँप गयी और डरने लगी.तभी दोनों चेले अन्दर आ गए और दरवाजा बंद कर लिया.बाबा ने गोमाती को एक दवा पिलायी .दवा पीते ही गोमती की चूत और गांड में अजीब सी मस्ती भर गयी .उसे ऎसी इच्छा होने लगी की बाबा अपना लंड उसकी चूत में जल्दी से घुसा दें ,और मुझे चोददें .बाबा ने चेलों से कहा.गोपाल गोमती को चोदासन पर लिटा दो .और मजबूती से पकडे रहना.,गर्भाधान अनुष्ठान में बाधा नहीं होना चाहिए.गोपाल ने गोमती से कहा तुम अपना शरीर बाबा को आर्पित कर दो.अब से बाबा के लिंगराज तुम्हारे पति होंगे.तुम उनके हर आदेश का पालन करना.फिर दोनों चेलों ने गोमती के उरोजों को मसलना शुरू कर दिया.गोमती मस्त हो रही थी और बार बार अपनी कमर उछालने लगी.एक चेले ने अपना लंड गोमती के मुंह में दे दिया जिसे वह चूसने लगी.तब तक सभी लोग पूरी तहः से नंगे हो गए थे। बाबा ने अपना लंड गोमाती को दिखा कर कहा,गोमती इस लंड को आदर से अपनी चूत में अन्दर तक लेना.इसी के प्रसाद से तुम्हे औलाद मिलेगी.इससे ऐसा मजा मिलेगा की तुम सदा लंड को याद करोगी.गोमती ने कहा बाबा इस लंड से मेरी चूत तो नहीं फट जायेगी.मैं मर तो नहीं जाउंगी.बाबा बोला इस से तुम मरोगी नहीं ,बल्कि तुम्हें जिन्दगी का असली मजा मिलेगा.तुम्हारी चूत पवित्र हो जायेगी.गोमती बोली कहीं यह लंबा लंड मेरी चूत में घुस कर मेरी गांड से बाहर निकल गया तो.बाबा बोला तुम दरो नही किशन अपना लंड तुम्हारी गांड में घुसाए रखेगा। .इससे मेरा लंड तुम्हारी चूत से बाहर नहीं जाए गा.गोमती का भय निकल गया ,और वह बाबा का लंड लेने को तैयार हो गयी. इसके बाद बाबा ने अपना लंड गोमती की चूत में घुसाना शुरू कर दिया.आदा लंड जाने तक गोमती लंड सहत्त रही ,लेकिन जब लंड और आगे जाने लगा तो वह चीखने लगी और अपने हाथ पैर पटकने लगी.गोपाल और किशन ने गोमती को मजबूती से जकड लिया,ताकि वह हिलडुल नहीं सके.गोमती बोली बाबा लंड मेरे मुंह तक घुस गया है अब मैं नहीं सह सकती हूँ.यह सुनकर किशन ने अपना लंड गोमती के मुंह में घुसा दिया.और बोला की अब बाबा का लंड तुम्हारे मुंह से बाहर नहीं निकलेगा.बाबा बोला गोमती जब तुम्हारी चूत का भूत निकल ज्जायेगा तो तुम तीनों लोकों की सैर करोगी .किशन और गोपाल के लंड को मुंह में लेकर स्वर्ग की, मेरे लंड को चूत में लेकर पृथ्वी की और अपनी गांड में लंड लेकर पाताल की सैर करोगी.और इन लंड के वरदान से तुम्हें औलाद मिलेगी.इसलिए तुम चुपचाप चुदवाती रहो। औरमेरे लंड का ध्यान करो। अपनी चूत को भूल जाओ।
फिर बाबा गोमती को दनादन चोदने लगा.जब बाबाका पूरा लंड अन्दर चला गया तो गोमती की चूत से खून की कुछ बूँदें निकलीं.अब चूत में लंड के लिए जगह होने लगी थी .बाबा धक्के पर धक्का मार रहा था.गोमती लगातार हाय हायोह ओह उफ़ उफ़ अरे अरे उ उ उफ़ जसी आवाजें निकाल रही थी। बीइच बीच में वह किशन का लंड भी चूस लेती थी जो उसे अच्छा लग रहा था.गोमती की चूत से फच फच फच की आवाज साफ़ सुनायी दे रही थी.चेले बोले बाबा आप तो बहुत बड़े संगीतकार हैं .आपने चूत में भी संगीत पैदा कर दिया है। आप धन्य हैं.करीब चालीस मिनट तक चुदानी के बाद गोमती को भी मजा आने लगा.वह मस्त होकर बाबा का लंड उछल उछल कर चूत में लेने लगी.और चुदायी का भरपूर आनंद लेने लगी। उसकी चूत से लगातार रस बह रहा था.तभी गोमती ने बाबा को जोर से पकड़ लिया। बाबा समझ गया की गोमती की चूत ने पानी छोड़ दिया है.तभी बाबा ने चुदायी की स्पीड तेज करदी.गोमती मस्त होकर सी सी सी उह उहकरने लगी.बाबाने फ़ौरन अपने लंड का पानी गोमती चूत इतनी जोर से छोड़ा जैसे कोई पिचकारी से पानी छोड़ता है.बाबा का वीर्य गोमती की बच्चेदानी में सीधा अन्दर तक चला गयी.बाबा ने करीब एक कप वीर्य गोमती की चूत में डाल दिया.जो चूत से बाहर बहाने लगा..गोमती के चहरे पर संतुष्टी के भाव छलक रहे थे.गोमती ने बाबा के लंड को प्रणाम किया। जा बाबा जाने लगा तो गोमती बोली बाबा यह विचारे गोपाल और किशन कब से चुदायी लीला देख रहे थे .आप आदेश करें तो यह भी,अपने लंड से मुझे उपकृत करदें .बाबा बोला लेकिन्याह दोनों गांड के बड़े रसिया हैं। यह जमकर तुम्हारी गांड मारेंगे.गोमती बोली जब मेरी चूत मजा ले चुकी है तो बिचारी गांड भी मजा क्यों नहीं ले.बाबा बोला जैसी तुम्हारी मर्जी.लेकिन्न तुम्हें अगले अमावस्या तक रोज ऐसे ही चुदवाना पडेगा.सचमुच तुम्हारी चूत बड़ी ही मस्त है इसने मेरे लंड को खुश कर दिया.मेरी इच्छा है की मैं रोज तुम्हारी चुदायी करूं.गोमती बोली बाबा मैं आज अपनी चूत और गांड आपको समर्पित कर रही हूँ। आप जो चाहें सो करें.बाबा बोला मैं अगली बार तुम्हारी गांड भी मारूंगा.क्योंकि मेने सोचा की जब चूत इतनी मजेदार है तो गांड कितनी मजेदार होगी।
गोमती बोली बाबा आपकिशन गोपाल को भी चुदायी समय जरूर बुलावा लिया करें.बाबा ने पूछा क्योंगोमती ने कहा क्योंकि इअपने लंड का स्वाद चखा दिया था.और मेरी चूत को आपके लंड के सहने के काबिल बना दिया था.तभी तो मैं आप का इतना बड़ा लंड झेल गयी थी.बाबा हंस कर बोला इसीलिए तो लोग कहते हैं की गुरु गुड और चेला शक्कर
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